सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें गो मुझे एहसास-ए-तन्हाई रहा शिद्दत के साथ !! मेरी बाँहों में बहकने की सज़ा भी सुन ले किसी की साँसों में समाकर उसे तन्हा नहीं करते। दिल की गहराइयों में अपनी https://youtu.be/Lug0ffByUck